रविवार, 1 अगस्त 2010

शहीद उधम सिंह के श्री चरणों में मेरे श्रधासुमन अर्पित हैं मुझे गर्व है कि मैं उस मुल्क में पैदा हुआ हूँ जहा ऐसे वीर सपूतों ने जन्म लिया .... इन शहीदों के श्री चरणों में कुछ पंक्तिया अर्पित हैं

थे गरुण निर्वाद गति पूछो न उनके हौसले
बिजलियाँ चुनकर बनाये थे जिन्हीने घोसले

देश के खातिर जिन्हें देंह कि परवाह न थी
था मर्ज़ ऐसा कहीं जिसकी कोई दवा न थी
जो पहनते बिच्छुओं को मान मोती कि लड़ी
सांप थे जिनके लिए केवल टहलने कि छड़ी

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