शनिवार, 28 मार्च 2009

वरुण गाँधी से क्यों जल रही है कांग्रेस

पिछले १० दिनों से जिस तरह वरुण गाँधी मीडिया की सुर्खियों में आयें हैं इसे देखकर मैं यकीन के साथ कह सकता हूँ कि कांग्रेस काफी तकलीफ में होगी क्यों कि कांग्रेस ने ये नही सोचा था कि मामला यहाँ तक पहुँच जाएगा कांग्रेस ने जब इस खेल कि शुरुआत कि तो उसे उम्मीद थी कि जैसे ही मामला भड़केगा और चुनाव आयोग में जाएगा तो बीजेपी जो आज अपने को सेकुलर बनने कि कोशिश कर रही है मुस्लिम वोटों के काटने कि डर से वरुण पर लगाम लगायेगी और हो सकता है कि वरुण का टिकेट ही काट दे ऐसा नही हुआ और मामला कांग्रेस के उलट और वरुण के पक्ष में होता जा रहा है आप ये मत samajhiyega कि मैं कांग्रेस virodhi और बीजेपी samarthak हूँ वरुण गाँधी कि एक बात को लेकर कांग्रेस ने तिल का taad bana दिया बिना ये jane कि cd सही है या ग़लत कम से कम rahul और priyanka ने जिस tarak कि bayanbazi कि है

बुधवार, 25 मार्च 2009

अमेरिका से लेकर भारत तक सामाजिक दिवालियापन

कभी कभी कुछ खबरें ऐसी होती हैं जो सोचने पर मजबूर कर देती हैं, और ये ख़बर भी कुछ ऐसी ही है आज अख़बारों में पढ़ा की रोमानिया की एक लड़की पढ़ाई के लिए अपना कौमार्य बेचना चाहती है और इसके लिए उसने बकायदे इन्टरनेट पर बोली लगाई है हलाकि ये पहला मामला नहीं है जब किसी लड़की ने इन्टरनेट पर इस तरह की बोली लगाई है, लेकिन इसबार मैंने लिखने का फ़ैसला किया रोमानिया की एलिना पर्सिया नाम की इस १८ वर्षीय छात्रा ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए अपने कुंवारेपन की बोली लगाई है पर्सिया को उम्मीद है की उसे इस नीलामी से ५०००० uro की कमाई होगी अबतक काफी लोगों ने इस नीलामी में दिलचस्पी दिखाई है इससे पहले अमेरिकन छात्रा नताली डायलन ने भी अपने कुंवारेपन की बोली लगाई थी नताली ने अपने पछ में ये दलील दी की मुझे अपनी पढ़ाई जारी रखने की लिए पैसे की जरूरत है इसलिए मैं ये काम कर रही हूँ , नताली ने ये भी कहा की मेरी बहन ने भी पढ़ाई करने की लिए कैलिफोर्निया की सड़कों पर कई दिनों तक वैश्यावृति की उसने ऐसी और बहुत सी लड़कियों का उदहारण दिया जो पढ़ाई के लिए ऐसे काम करती हैं , खैर फिर वापस आते हैं मुद्दे पर नताली ने जब अपनी बोली लगाई तो कई अरबपतियों की तिजोरी के ताले खुल गए कई अरबपतियों ने तो नताली को कई करोड़ रुपये की पेशकश की एक सज्जन ने हद ही कर दी उन्होंने कहा की यदि नताली उनके साथ रात बिताती है तो वो नताली को जिंदा शेर देंगे लेकिन अफ़सोस की कोई भी अमीर दिलवाला ऐसा नहीं मिला जिसने नताली से ये कहा हो की तुम पढो मैं तुम्हारी पढ़ाई का खर्च उठता हूँ , पढ़ाई के लिए तुम्हे ये सब करने की जरूरत नहीं नताली और पर्सिया हमारे समाज के विकास के मॉडल को बयां करती हैं तो उनपर बोली लगाने वाले सज्जन हमारे समाज की मरी हुई मानवता को बयां करते हैं